जीवन में समर्थ और सफल बनना चाहते हैं तो प्राकृतिक, सहज और स्वाभाविक रहिए। हमारी सामर्थ्य तब प्रकट होती है, जब हम प्रकृति के निकट जाते हैं। आज जितनी भी दुविधाएं हैं, वो इसलिए खड़ी हुई हैं, क्योंकि हम अप्राकृतिक हैं, कई काम प्रकृति के विरुद्ध कर रहे हैं। भौतिकीय आकर्षण इतने अधिक हैं कि हम भी भौतिकीय प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं। ध्यान रखें अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलकर सफलता हासिल करता है तो ये सच्ची सफलता नहीं कही जा सकती है। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए सच्ची सफलता किसे कहते हैं? आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
जीवन मंत्र | दैनिक भास्कर