पॉपुलर टीवी सीरियल ‘ससुराल सिमर का’ फेम एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ को लिवर कैंसर के दूसरे स्टेज का पता चला है। दीपिका ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर यह जानकारी दी है। पिछले कुछ सालों में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण लिवर से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, साल 2022 में दुनियाभर में लिवर कैंसर से लगभग 7.6 लाख लोगों की मौत हुई। वहीं भारत में 38,703 केस दर्ज हुए थे, जिनमें से 36,953 लोगों की जान चली गई थी। जर्नल ऑफ हेपेटोलाजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2020 से 2040 के बीच दुनिया में लिवर कैंसर के नए मामलों और मौतों में 55% से अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि चिंता का विषय है। हालांकि कुछ सावधानियों और लाइफस्टाइल में बदलाव करके इस गंभीर बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। तो चलिए, आज फिजिकल हेल्थ कॉलम में हम लिवर कैंसर के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- लिवर कैंसर क्या है? लिवर कैंसर तब होता है, जब लिवर की कोशिकाओं के DNA में बदलाव आने लगता है, जिससे कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। हैरानी की बात यह है कि इसके शुरुआती स्टेज में कोई खास लक्षण नहीं दिखते, जिस कारण यह देर से पकड़ में आता है। बता दें कि लिवर शरीर का सबसे बड़ा और बेहद जरूरी ऑर्गन है, जिसके बिना जीवन संभव नहीं है। यह खून को फिल्टर करने के साथ-साथ पाचन और डिटॉक्सिफिकेशन सहित करीब 500 जरूरी काम करता है। लेकिन जब लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है तो यह जीवन के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। दो तरह का होता है लिवर कैंसर लिवर कैंसर दो तरह का होता है। प्राइमरी लिवर कैंसर, जो लिवर में ही शुरू होता है। सेकेंडरी लिवर कैंसर, जो शरीर के किसी दूसरे हिस्से (जैसे इंटेस्टाइन, लंग्स या ब्रेस्ट) से लिवर तक फैलता है। प्राइमरी लिवर कैंसर मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं। हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC): यह लिवर कैंसर का सबसे आम प्रकार है। इंट्राहेपेटिक कैंसर (IHC): इसे कोलेंजियोकार्सिनोमा या पित्त नली का कैंसर भी कहते हैं, जो लिवर के अंदर होता है। यह सभी प्राइमरी लिवर कैंसर के मामलों में लगभग 10% से 20% तक होता है। हेपेटिक एंजियोसार्कोमा: यह बहुत ही रेयर टाइप का कैंसर है, जो सभी प्राइमरी लिवर कैंसर के मामलों में लगभग 1% होता है। यह कैंसर लिवर में ब्लड वेसल्स की अंदरूनी लेयर में शुरू होता है। यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इन कारणों से होता लिवर कैंसर लिवर कैंसर तब होता है, जब हेल्दी लिवर सेल्स का DNA किसी वजह से बदल जाता है। DNA वो कोड या निर्देश होता है, जो हमारी कोशिकाओं को बताता है कि उन्हें कैसे काम करना है, कब बढ़ना है और कब मरना है। जब DNA में गड़बड़ी हो जाती है तो कोशिकाएं गलत तरीके से काम करने लगती हैं। वे बिना रोक-टोक के बढ़ने लगती हैं और समय पर मरती नहीं, जिससे कैंसर बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कुछ बीमारियां और लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं भी लिवर सेल्स के DNA को नुकसान पहुंचा सकती हैं और कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं। लिवर कैंसर के लक्षण लिवर कैंसर की शुरुआत अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होती है, इसलिए यह बीमारी अक्सर देर से पकड़ में आती है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, शरीर कुछ संकेत देने लगता है। इन लक्षणों को समझना और समय पर जांच करवाना बेहद जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से लिवर से जुड़ी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। नीचे दिए गए ग्राफिक में लिवर कैंसर के आम लक्षणों को समझिए- लिवर कैंसर के रिस्क फैक्टर लिवर कैंसर का सबसे बड़ा कारण लंबे समय तक हेपेटाइटिस B और C का इन्फेक्शन है। ये इन्फेक्शन धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं और सिरोसिस जैसी स्थिति पैदा कर सकते हैं, जो आगे चलकर लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खराब आदतें और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकती हैं। नीचे दिए गए ग्राफिक से इसे समझिए- लिवर कैंसर का इलाज इसका इलाज कैंसर की स्थिति, ट्यूमर के आकार और मरीज की सेहत के आधार पर किया जाता है। लिवर कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर मेडिकल ट्रीटमेंट और सर्जरी दो तरीके अपनाते हैं। मेडिकल ट्रीटमेंट में कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और टारगेटेड थेरेपी शामिल हैं। इसके अलावा कीमोएम्बोलाइजेशन और रेडियोएम्बोलाइजेशन जैसे स्पेशल ट्रीटमेंट भी दिए जाते हैं। वहीं सर्जिकल में एब्लेशन (ट्यूमर को नष्ट करना), हेपेटेक्टोमी (लिवर के प्रभावित हिस्से को निकालना) और लिवर ट्रांसप्लांटेशन (पूरा लिवर बदलना) शामिल हैं। लिवर कैंसर के स्टेज लिवर कैंसर की गंभीरता हर स्टेज में बढ़ती जाती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- लिवर कैंसर से बचने के उपाय लिवर कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन कुछ सावधानियों और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ इसके रिस्क को कम किया जा सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- लिवर कैंसर से जुड़ कॉमन सवाल और जवाब सवाल- लिवर कैंसर का पता कैसे लगाया जाता है? जवाब- इसके लिए डॉक्टर कई टेस्ट करते हैं। सबसे पहले ब्लड टेस्ट (AFP) से खून में कैंसर से जुड़ा प्रोटीन चेक किया जाता है। इसके बाद अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन या MRI से लिवर में ट्यूमर की मौजूदगी, उसका आकार और विस्तार देखा जाता है। कई बार बायोप्सी के जरिए ट्यूमर का सैंपल लेकर इसकी भी जांच की जाती है। सवाल- लिवर कैंसर में व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है? जवाब- यह कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कैंसर किस स्टेज पर है, इलाज का शरीर पर क्या असर हो रहा है और व्यक्ति का सामान्य स्वास्थ्य कैसा है। हालांकि लिवर कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन इलाज में हो रही तरक्की से लोग अब पहले से ज्यादा समय तक जी पा रहे हैं। सवाल- क्या लिवर कैंसर की सर्जरी के बाद फिर से कैंसर होने का खतरा बना रहता है? जवाब- हां, लिवर कैंसर की सर्जरी के बाद दोबारा कैंसर होने का खतरा बना रहता है। इसे मेडिकल भाषा में ‘रिकरेंस’ (Recurrence) कहा जाता है। सर्जरी से ट्यूमर हटाया जा सकता है, लेकिन अगर लिवर की बाकी कोशिकाएं पहले से डैमेज हैं या वायरस (जैसे हेपेटाइटिस B या C) अभी भी शरीर में मौजूद है तो भविष्य में फिर से कैंसर बनने का खतरा रहता है। इसलिए हर 3-6 महीने में ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और हेपेटाइटिस का इलाज करवाना जरूरी है। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद दोबारा कैंसर होने की संभावना कम हो सकती है, लेकिन यह रिस्क पूरी तरह खत्म नहीं होता है। सवाल- क्या लिवर कैंसर का मरीज सामान्य जीवन जी सकता है? जवाब- शुरुआती स्टेज में इलाज के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है, लेकिन लाइफस्टाइल में सुधार और नियमित जांच जरूरी होती है। सवाल- लिवर कैंसर के मरीज को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? जवाब- उन्हें हल्का, सुपाच्य और पोषण से भरपूर खाना खाना चाहिए। जंक फूड, अधिक तला-भुना, शराब और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए। बेहतर है कि डॉक्टर की सलाह से डाइट लें। सवाल- लिवर कैंसर का इलाज कितने समय तक चलता है? जवाब- यह स्टेज और इलाज के तरीके पर निर्भर करता है। कुछ मरीजों को हफ्तों से लेकर महीनों तक की थेरेपी लगती है। वहीं सर्जरी या ट्रांसप्लांट के बाद रिकवरी में काफी लंबा समय लग सकता है। ………………… फिजिकल हेल्थ की ये खबर भी पढ़िए किडनी स्टोन के इन 7 लक्षणों को न करें इग्नोर: हाइड्रेशन और हेल्दी डाइट से कम होता है रिस्क, जानें बचने के 7 आसान उपाय ‘नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 12% से ज्यादा लोगों को किडनी स्टोन की समस्या है। हालांकि अपनी लाइफस्टाइल में कुछ आसान बदलाव करके इसके खतरे को कम किया जा सकता है। पूरी खबर पढ़िए…
वुमन | दैनिक भास्कर