पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित किया, तो पाकिस्तान बौखला गया। 24 घंटे के भीतर उसने 7 जवाबी फैसले ले लिए। इसमें शिमला समझौता रद्द करना और भारतीय फ्लाइट्स के लिए पाक एयरस्पेस बंद करना शामिल है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनमें से कुछ कदम पाकिस्तान को ही भारी पड़ेंगे और भारत को फायदा मिलेगा। इससे जुड़े 5 जरूरी सवालों के जवाब, जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल-1: भारत के एक्शन पर पाकिस्तान ने क्या रिएक्शन किया है? जवाब: भारत की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी CCS की तरह ही पाकिस्तान में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी यानी NSC होती है। यह पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर फैसला लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी है। इसके अध्यक्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हैं। सीनियर सुरक्षा सलाहकार और कैबिनेट मिनिस्टर इसके सदस्य होते हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों के पर्यटकों पर हमले के बाद 23 अप्रैल को भारत में CCS की बैठक हुई। इसमें सिंधु जल समझौता रद्द करने सहित पांच बड़े फैसले लिए गए। भारत के इस एक्शन पर पाकिस्तान ने रिएक्शन में 7 फैसले किए… इन सभी फैसलों में शिमला समझौता स्थगित करना और भारतीय फ्लाइट्स के लिए अपना एयरस्पेस बंद करना सबसे बड़े फैसले माने जा रहे हैं। सवाल-2: शिमला समझौता क्या है और इसे स्थगित करने का क्या असर होगा? जवाब: 1971 की जंग में पाकिस्तान की हार हुई और बांग्लादेश को आजादी मिली। जुलाई 1972 में तब की भारत की PM इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के PM जुल्फिकार अली भुट्टो ने शिमला समझौते पर दस्तखत किए थे। यह समझौता कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को दरकिनार करते हुए दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत से कोई भी मुद्दा सुलझाने पर जोर देता है। समझौते में कहा गया था कि दोनों देश LoC पर अपनी-अपनी स्थिति में वापस लौटेंगे और दूसरे के इलाकों का सम्मान करेंगे। कहा जाता है कि इस समझौते का ही असर रहा कि इसके बाद सिर्फ एक जंग हुई- 1999 में कारगिल की जंग। पाकिस्तान ने बौखलाहट में शिमला समझौते पर रोक लगा दी। अजय बिसारिया बताते हैं, ‘शिमला समझौते को पाकिस्तान पहले से ही नहीं मानता आया है। पाकिस्तान ने इस समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है। वहीं भारत को इससे कोई नफा-नुकसान नहीं होने वाला है।’ इससे भारत के लिए 3 नई संभावनाएं जरूर खुल गई हैं… 1. अब भारत लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की स्थिति बदल सकता है शिमला समझौते के क्लॉज 4 के सबसेक्शन 1 और 2 को पढ़िए- कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब भारत LoC को एकतरफा तरीके से बदलने के लिए जरूरी कदम उठा सकता है। हालांकि, 1984 में पाकिस्तान कराची समझौते के तहत तय हुए भारत के सियाचिन इलाके में कब्जा करने की कोशिश कर चुका है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने ‘ऑपरेशन मेघदूत’ शुरू करके पूरे सियाचिन ग्लेशियर पर कंट्रोल हासिल कर लिया था। 2. मिलिट्री एक्शन ले सकता है, संधि तोड़ने का आरोप नहीं लगेगा शिमला समझौते के क्लॉज 1 के सबसेक्शन 2 में कहा गया है- दोनों देश द्विपक्षीय बातचीत के जरिए या आपसी सहमति से किसी शांतिपूर्ण तरीके से आपसी मतभेदों को सुलझाएंगे। किसी समस्या का अंतिम समाधान होने तक कोई भी पक्ष एकतरफा तरीके से स्थिति नहीं बदलेगा और दोनों देश कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जो शांतिपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला हो। अब शिमला समझौते पर पाकिस्तान के रोक लगाने के बाद भारत पहलगाम के बदले में आतंकियों के घुसपैठ के इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर कोई मिलिट्री एक्शन ले सकता है। उस पर संधि के खिलाफ जाने का आरोप भी नहीं लगेगा। 3. दुनिया के दूसरे देश भारत के पक्ष में दखल दे सकते हैं शिमला समझौता कहता है कि वैश्विक शक्तियों के दखल के बिना ही दोनों देशों को आपसी मामले निपटाने होंगे। जब समझौता हुआ तब पाकिस्तान के दूसरे देशों के साथ अच्छे संबंध थे। अब अमेरिका, इजराइल, पश्चिम एशियाई और यूरोपीय देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं। पहलगाम हमले के बाद दुनिया के ज्यादातर देशों ने इसकी निंदा की है। शिमला समझौते के तहत बाध्यता खत्म होने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में भारत को दुनिया भर के देशों का समर्थन मिल सकता है। सवाल-3: भारत के सभी हवाई जहाजों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से क्या फर्क पड़ेगा? जवाब: JNU में इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं, पाकिस्तान ने भारत जैसे ही डिप्लोमैटिक फैसले लिए हैं। हालांकि, इसमें सबसे बड़ा फैसला इंडियन एयरलाइन्स के लिए पाक एयरस्पेस को बंद करना है। भारतीय जहाजों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने का मतलब है कि अब भारत का किसी भी तरह का हवाई जहाज भारत से उड़ान भरकर, पाकिस्तान के ऊपर के आसमान से नहीं गुजर सकता। ऐसे में हमारी एयरलाइन कंपनियों को पश्चिमी देशों की तरफ जाने वाली फ्लाइट्स पर ज्यादा ईंधन खर्च करना पड़ेगा। फ्लाइट्स घूमकर लंबे रास्तों से उड़ान भरेंगी। इससे 15 मिनट से लेकर कुछ घंटे तक का ज्यादा समय लगेगा। नतीजतन फ्लाइट्स की टिकट मंहगी हो सकती हैं। पाकिस्तान के इस फैसले के चलते मिडिल एशिया, वेस्ट एशिया, यूरोप, ब्रिटेन और उत्तरी अमेरिका के देशों में जाने वाली फ्लाइट्स सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी कंपनियों की ये फ्लाइट्स नियमित रूप से पाकिस्तान के ऊपर से गुजरती हैं। अब इन फ्लाइट्स को अरब सागर के ऊपर से होते हुए यूरोप, उत्तरी अमेरिका या पश्चिम एशिया जाना पड़ेगा। एविएशन एनालिटिक्स कंपनी सिरियम के डेटा के मुताबिक, अभी दिल्ली, अमृतसर, जयपुर और लखनऊ एयरपोर्ट्स से लगभग 400 फ्लाइट्स एक हफ्ते में पश्चिमी देशों की ओर जाती हैं, जो अमूमन पाकिस्तान से गुजरती थीं। ये लौटती भी इसी रास्ते से थीं। यानी इन एयरपोर्ट्स की करीब 800 फ्लाइट्स पर असर पड़ेगा। इनमें से करीब 640 फ्लाइट्स दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेक-ऑफ या लैंड करती हैं। वहीं एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने दिल्ली से अल्माटी और ताशकंद जाने वाली डेली फ्लाइट्स को 7 मई तक के लिए रद्द कर दिया है। इंडिगो ने कहा, ‘पाक एयरस्पेस बंद होने से हमारे 50 इंटरनेशनल रूट्स प्रभावित होंगे।’ 2019 में बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था, तब भारतीय एयरलाइंस को ज्यादा फ्यूल खर्च करने और लंबे रूट्स की फ्लाइट के चलते करीब 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सबसे ज्यादा नुकसान एअर इंडिया को हुआ था, क्योंकि एअर इंडिया भारत से यूरोप और नॉर्थ अमेरिका तक की सबसे लंबी दूरी की फ्लाइट्स भेजती है। इंडियन एयरलाइन एअर इंडिया और इंडिगो ने पाकिस्तान एयरस्पेस को छोड़ नए रूट अपनाने का ऐलान किया है। सवाल-4: पाकिस्तान ने जो अन्य फैसले लिए हैं, उनका क्या असर होगा? जवाबः भारत-पाक रिश्तों को करीब से समझने वाले और पाकिस्तान में भारत के डिप्लोमैट रहे अजय बिसारिया कहते हैं, पाकिस्तान के फैसलों से उसे ही ज्यादा नुकसान होने वाला है। भारत पर इसका कोई खास असर नहीं होगा। 1. सभी द्विपक्षीय समझौते रद्द करने की धमकी का असर 2. वाघा-अटारी बॉर्डर बंद और वीजा रद्द करने का असर 3. उच्चायोग से सलाहकारों को हटाने और कर्मचारी घटाने का असर सवाल-5: पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो 5 पॉइंट एक्शन लागू किया है, उससे पाकिस्तान को क्या नुकसान होने वाला है? जवाब: 23 अप्रैल को PM आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी CCS की मीटिंग हुई। इसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की। करीब ढाई घंटे की बैठक में 5 पॉइंट एक्शन लागू करने का फैसला हुआ… 1. सिंधु जल समझौता स्थगित करने का असर 2. अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने का असर 3. SAARC वीजा छूट योजना रद्द होने का असर 4. उच्चायोग से सैन्य सलाहकारों की वापसी का असर 5. उच्चायोग कर्मचारियों की संख्या 30 करने का असर भारत के पूर्व डिप्लोमैट और रिटायर्ड IFS अफसर जेके त्रिपाठी मानते हैं कि इन फैसलों में सबसे बड़ा फैसला है सिंधु जल समझौते पर रोक। वे कहते हैं, सिंधु जल समझौते का सीधा असर आम पाकिस्तानियों पर पड़ेगा। इस समझौते के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारत से पानी जाता था, जो अब रुक जाएगा। इससे वहां चीख-पुकार मच जाएगी। ——————— भारत-पाकिस्तान विवाद से जुड़ी ये भी खबर पढ़ें… भारत लेगा पहलगाम हमले का बदला; क्या ड्रोन, मिसाइल अटैक या बम गिराएगा, जमीनी जंग में कौन-सी अड़चनें उरी में आतंकी घुसे, तो PoK में सर्जिकल स्ट्राइक की। पुलवामा में हमला हुआ, तो बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुई। अब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की जान ली, तो भारत ने 5 बड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल समझौते पर रोक भी शामिल है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या भारत पाकिस्तान में फिर घुसकर मारेगा? पूरी खबर पढ़िए…
DB ओरिजिनल | दैनिक भास्कर